दोस्तों पिछले कई वर्षों से बैंक कर्मचारी लगातार बैंको में पांच दिवसीय कार्यप्रणाली की मांग कर रहे हैं, लेकिन अभी तक उनकी ये मांग पूरी नहीं हो पाई है।
ख़ैर देखिए उनकी मांगें कब पूरी होती हैं, लेकिन आज मैं आपको पांच दिवसीय कार्यप्रणाली के विषय में कुछ बताना चाहता हूँ ।
दोस्तों पांच दिवसीय कार्यप्रणाली को लागू करने का पूरा श्रेय फोर्ड कंपनी के जनक श्री हेनरी फोर्ड को जाता है।
एक बार फोर्ड कंपनी के सभी अच्छे कर्मचारी काम करने के बढ़ते समय के कारण एक एक करके नौकरी छोड़कर जाने लगे ।
इस बात से हेनरी फोर्ड बहुत परेशान हो गए, और उन्होंने सबके नौकरी छोड़ने के कारण का पता लगाया । कारण जानने के बाद उन्होंने, परिणामस्वरूप सभी कर्मचारियों का वेतन दोगुना कर दिया, और सप्ताह में पांच दिवसीय और आठ घंटे प्रति दिन की कार्यप्रणाली लागू कर दी । जिसके बाद उनके सभी कर्मचारी वापस आ गए, और उनकी कंपनी की उत्पादन क्षमता भी बढ़ गयी ।
यूनाइटेड स्टेट्स के राष्ट्रपति श्री हर्बर्ट हूवर ने देश में आई मंदी के प्रभाव को कम करने के लिए अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकालने के बजाए उनके कार्य करने के घंटो में कमी कर दी ।
दोस्तों विकसित राष्ट्रों में ऐसे कई उदाहरण हैं, जिन्होंने कार्य करने के समय में कमी करके विकास किया है।
हमारा सबसे बड़ा प्रतिद्वंद्वी देश चीन, हंगरी, अमेरिका, जापान, ऑस्ट्रेलिया आदि, जैसे विकसित राष्ट्र भी पांच दिवसीय कार्यप्रणाली के आधार पर ही कार्य करते हैं।
दोस्तों पांच दिवसीय कार्यप्रणाली लागू होने से बहुत सारे लाभ भी हैं, जैसे : कम ईंधन लागत, व यातायात में कमी, ये पर्यावरण के भी अनुकूल है।
उत्पादकता में वृद्धि जो कि बैंक और राष्ट्र दोनों के लिए लाभकारी है।
कर्मचारी की अनुपस्थिति में कमी, मजबूत मनोबल और बेहतर नौकरी करने की संतुष्टि ।
कर्मचारी की ऊर्जा लागत में कमी, जीवन स्तर और स्वास्थ्य स्तर में सुधार ।
बेहतर कार्य और निजी जीवन के मध्य समन्वय आदि ।
आज बैंको में डिजिटलीकरण इतना अधिक हो चुका है, कि ग्राहक बिना शाखा गए ही अपने सारे कार्य (24 *7) किसी भी स्थान से आसानी से कर सकते हैं ।
जैसे कि एटीएम मशीन,कैश डिपाजिट मशीन, इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, चेक डिपाजिट मशीन, यहां तक कि ग्राहक घर बैठ कर ही अपना बचत खाता, डिपॉजिट खाता आदि भी खोल सकते हैं।
दोस्तो पांच दिवसीय कार्यप्रणाली लागू हो जाने से बैंक अपनी शाखाओं का अधिक विस्तार न करके बल्कि अपनी ई-लॉबी के विस्तार पर अधिक ध्यान देंगे।
जो कि बैंको के लिए भी लाभकारी है, क्योंकि एक शाखा को खोलने में जितना धन खर्च होता है, उतने धन में बैंक तीन ई-लॉबी खोल सकते हैं।
दोस्तों ई-लॉबी एक ऐसा स्थान हैं जहां आपको एटीएम मशीन, पास बुक प्रिन्टिंग मशीन, कैश डिपाजिट मशीन, चेक क्लीयरिंग मशीन आदि की सुविधाएं प्राप्त होती हैं।
किन्तु अब तक ये बैंको में लागू क्यों नही हुआ ??
क्योंकि सरकार ये सोचती है कि, इस प्रणाली से नौकरीपेशा वर्ग और उद्योग जगत को बहुत सी कठिनाइयां होंगी ।और फिर सरकार की बहुत सी योजनाएं भी हैं,जो केवल बैंको के माध्यम से ही संचालित होती हैं।
तो दोस्तों इन बेमानी बातों का उत्तर हम ऊपर ही पढ़ चुके हैं कि,डिजिटलाइजेशन को बढ़ाकर हम इन सभी परेशानियों को दूर कर सकते हैं।
दोस्तों आप लोगों को ये ब्लॉग कैसा लगा कमेंट करके अवश्य बताइये ।
और इसे अधिक से अधिक शेयर कीजिये ताकि लोग इसके सकारात्मक पहलू को जान सके ।।
धन्यवाद ।।
Aap ki soch ek dum sahi h bhaiya city me aise e-lobby ki zarurat h
ReplyDeleteBut village me iss technology se problem ho skti h
Aor hamare desh ki Internet seva ka slow hona iski sabse badi kamjori h
City k liye best option h.....
जी हा, आपने सही कहा गाँव में थोड़ी कठिनाई आ सकती हैं, लेकिन इस कदम से गाँव मे इंटरनेट और ग्रामीण शिक्षा दोनों में प्रगति होगी । जैसे लोग आसानी से मोबाइल चलाना सीख गए।
Deleteसहमत
ReplyDeleteधन्यवाद सर ।
Delete5 दिन का कार्यदिवस निःसंदेह ही कर्मचारियों के हितों की एक आवश्यक माँग होनी चाहिए परंतु बैंक कर्मचारियों का अपने ग्रहकों के प्रति व्यवहार भी सुधार ने की जरूरत है
ReplyDeleteधन्यवाद सर, दुर्व्यवहार बढ़ते काम और काम के दबाव का ही नतीजा है, लेकिन पांच दिवसीय कार्यप्रणाली से वह स्वयं ही ठीक हो जाएगा ।
Deleteनहीं सर मैं आप की इस बात से बिल्कुल भी सहमत नहीं कि यदि कार्य दिवस पाँच दिन का हो जाये तो दुर्व्यवहार स्वतः ही सुधर जाएगा यदि आप किसी येसी संस्था के साथ कार्य करते है जहाँ लोगो की सेवा भी जुड़ी हो तो आप का यह कहना कि काम के दबाब मैं कारण दुर्वव्यवहार होने की संभावनाएं होती है यदि यैसा है तो नौकरी का चयन आप को उसी प्रकार से करना चाहिए था और यदि आपकी ये मानसिकता नौकरी मैं आने के बाद कि है तो यह कहना अतिशियोक्ति न होगी कि मानव को जितना आराम मिलता है वह उससे अधिक आराम की अपेक्षा रखता है यदि हमारे देश का वीर जवान वो की सातो दिन चौबीस घंटे हमारे देश की सेवा करता है वो बी यह बोले यदि रविवार को सरहद से छुट्टी मिल जाती तो बाकी के छह दिन अछे से दुश्मनो का सामना के पाते तो मेरा कहना बस इतना है कि आप जो कहते है वो गलत नाइ पर मागो को पूरा न होने पर जनता को परेशान करना ये भी ठीक नाइ आशा है कि मैं जो कहना चाहता हु उसको आप समझ पाए होंगे आप का नियमित पाठक....सौरभ सक्सेना
Deleteनियमित पाठक होने के लिए धन्यवाद सौरभ जी और आप सही कह रहे हैं ग्राहको से दुर्व्यवहार नही होना चहिये ये सही नही है । और आप निश्चिन्त रहें बैंको में ग्राहको से किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार नहीं होता हैं।
Deleteसर आप ने बोल दिया निश्चित हो जाइए एक हिम्मत सी मिली पर ग्रहको के साथ दुर्व्यवहार नाइ होता मैं आप के इस कथन से सहमत नाइ ......क्योकि इसका कटु अनुभव मेरे साथ भी है ...और मैं आप को बोलूंगा की आप कूपमंडूप न बने तथा केवल बैंक कर्मचारी बनकर ही न सोचें आपको अपना मत एक ग्राहक बन कर भी रखना चाहिए .....तभी आप समझ सकेंगे कि एक व्यकित समस्त कार्य छोड़ कर तथा जड़ा ,गर्मी बरसात न देखते हुए आपके पास बहुत उम्मीद लेकर बैंक आता है और आप उसका काम तो छोड़ दो ठीक से बात करना भी पसंद नाइ करते जो कि मेरे हिसाब से ठीक नाइ......
Deletebilkul sahi hai
Deleteसही है सर लेकिंन सरकार नहीं सोंचती
ReplyDeleteAgree
ReplyDeleteधन्यवाद श्रीमान जी।
DeleteNice Sir
ReplyDeleteThank you sir .
ReplyDeleteBhaiya baat to ekdm sahi h city me e-labby jaroor honi chahiye
ReplyDeleteBt server down ya net slow hone se logo ko bahut problem hoti h...
Or village me to or jyada problem hogi.
e-loby ek achha system h bs server down ki is problem ko door kr diya jaye to...
5 days working process is a good thought.
Is system ko sabhi sarkari or private sanstha me laagu hona chahiye...
5 day banking is demand of present time as we have many alternative channels to do banking through digital banking.
ReplyDeleteIt will create the glamour of banking in youths and image of banking be futuristic.
Absolutely thanks for comment
DeleteAgree...
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना "साप्ताहिक मुखरित मौन में" शनिवार 25 अगस्त 2018 को साझा की गई है......... https://mannkepaankhi.blogspot.com/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
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